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उत्पन्ना एकादशी: 15 नवम्बर 2025, शनिवार

उत्पन्ना एकादशी कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। यह व्रत पापों को नष्ट कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। मान्यता है कि इस दिन एकादशी देवी का अवतरण हुआ था, जिन्होंने दैत्य मुर का संहार किया था।

महत्व:

उत्पन्ना एकादशी पर व्रती व्यक्ति को जीवन में शुभ फल, आत्मशुद्धि और दिव्य ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस दिन सत्य, संयम और भक्ति से पूजा करने पर भगवान विष्णु विशेष कृपा करते हैं। यह व्रत नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा और मानसिक शांति प्रदान करता है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 प्रातःकाल स्नान कर भगवान विष्णु की उपासना करें और निरोगी जीवन के लिए एकादशी व्रत का संकल्प लें।
  • 🔸 दिनभर जप करें – ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’, मन को स्थिर और शांत बनाएं।
  • 🔸 संध्याकाल दीपदान करें और गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दान कर पुण्य अर्जित करें।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 उत्पन्ना एकादशी विशेष विष्णु सहस्त्रनाम पाठ एवं सर्वरोग निवारण हवन आयोजित किया जाएगा।
  • 🔸 भक्तों के लिए व्रत-पूजन सामग्री, प्रसाद और आरोग्य-संतुलन हेतु विशेष दीक्षा उपलब्ध है।
  • 🔸 माँ बगलामुखी की कृपा से आरोग्य, आत्मबल और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।



मार्गशीर्ष संक्रांति: रविवार, 16 नवम्बर 2025

मार्गशीर्ष संक्रांति सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश का पवित्र अवसर है। यह दिन धर्म, ध्यान, साधना और दान का विशेष महत्त्व रखता है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और सेवा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

महत्व:

मार्गशीर्ष संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना, गंगा स्नान और दान का अत्यंत पुण्य फल मिलता है। यह समय आत्मचिंतन और आध्यात्मिक जागरण का माना जाता है। इसी दिन से सर्दियों का आरंभ माना जाता है, और जीवन में नई ऊर्जा, स्थिरता और संयम का आह्वान होता है|

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 प्रातःकाल स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें और गायत्री मंत्र का जाप कर जीवन में स्थिरता का आवाहन करें।
  • 🔸 गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न या गुड़ का दान कर पुण्य अर्जित करें।
  • 🔸 घर में तुलसी पूजन करें और दीपक जलाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 मार्गशीर्ष संक्रांति विशेष हवन, सूर्य अर्घ्य पूजन एवं संकल्प कार्यक्रम पूर्व बुकिंग पर उपलब्ध हैं।
  • 🔸 श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण, ध्यान सत्र और धार्मिक सामग्री की व्यवस्था की गई है।
  • 🔸 माँ बगलामुखी की कृपा से आत्मबल, सफलता और जीवन में संतुलन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।



मार्गशीर्ष अमावस्या: 20 नवम्बर 2025, गुरुवार

मार्गशीर्ष अमावस्या हिंदू पंचांग का अत्यधिक पूजनीय दिन है। इस दिन भगवान विष्णु, पितरों और देवी लक्ष्मी का स्मरण और पूजन किया जाता है। यह दिन नये संकल्प लेने, दान-पुण्य और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

महत्व:

मार्गशीर्ष मास देवताओं का प्रिय महीना माना जाता है। इस अमावस्या को पितृ तृप्ति, लक्ष्मी कृपा और मनोवांछित सिद्धि का प्रतीक माना गया है। जो भक्त श्रद्धापूर्वक दीपदान, व्रत और जल तर्पण करते हैं, उन्हें आत्मिक बल, पारिवारिक सुख और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 तिल, जल और दीपदान के साथ पितरों की तृप्ति करें, पूर्वजों का आशीर्वाद जीवन में स्थिरता लाता है।
  • 🔸 भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की आराधना करें, घर और मंदिर में दीपक जलाएं, जिससे जीवन में समृद्धि आएगी।
  • 🔸 दान, व्रत और ध्यान से मन को शुद्ध करें, इससे जीवन में सकारात्‍मकता और शांति बढ़ती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 मार्गशीर्ष अमावस्या विशेष हवन, देवी लक्ष्मी पूजन एवं पितृ शांति अनुष्ठान पूर्व-बुकिंग पर उपलब्ध हैं।
  • 🔸 श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद और धार्मिक सामग्री का वितरण किया जाएगा।
  • 🔸 माता की कृपा से आर्थिक समृद्धि, मानसिक स्थिरता और आत्मबल की प्राप्ति होती है।



विवाह पंचमी: 25 नवम्बर 2025, मंगलवार

विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और माता सीता के पावन विवाह दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है और इसे धर्म, प्रेम और मर्यादा के संगम का प्रतीक माना गया है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में भव्य उत्सव और विवाह समारोहों का आयोजन किया जाता है।

महत्व:

विवाह पंचमी का दिन पारिवारिक सौहार्द, प्रेम और दिव्य दाम्पत्य जीवन का आदर्श प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह प्रसंग का दर्शन और स्मरण करने से गृहस्थ जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। .

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 भगवान श्रीराम और माता सीता की संयुक्त पूजा करें, विवाह प्रसंग का ध्यान करें और अपने वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाए।
  • 🔸 घर में रामचरितमानस का पाठ करें और राम-सीता विवाह गीतों के माध्यम से भक्तिभाव बढ़ाएं, जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है।
  • 🔸 इस दिन कन्यादान, अन्नदान या जरूरतमंदों की सहायता करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 विशेष विवाह पंचमी पूजन, हवन एवं राम-सीता विवाह महोत्सव का आयोजन पूर्व-बुकिंग पर।
  • 🔸 भक्तों के लिए विशेष प्रसाद, कथा-वाचन और संगीतमय भजन संध्या का आयोजन।
  • 🔸 माता की कृपा से वैवाहिक जीवन में सौहार्द, प्रेम और स्थिरता की प्राप्ति होती है।



स्कन्द षष्ठी: 26 नवम्बर 2025, बुधवार

स्कन्द षष्ठी भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) को समर्पित पवित्र पर्व है। यह दिन असुरों पर देवताओं की विजय और धर्म के पुनर्स्थापन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास, पूजन और स्कन्द देव की आराधना करते हैं ताकि जीवन में साहस, विजय और संरक्षण प्राप्त हो।

महत्व:

स्कन्द षष्ठी वह दिन है जब भगवान कार्तिकेय ने ताड़कासुर नामक असुर का वध किया था। यह विजय सत्य और साहस का प्रतीक है। इस दिन की उपासना से भय, रोग और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है तथा मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।

क्या करें और क्यों:

  • 🔸 भगवान कार्तिकेय की पूजा करें, उपवास और ध्यान साधना करें, जिससे नकरात्मकता से सुरक्षा होती है।
  • 🔸 गरीबों को भोजन कराएं, बालकों को मिठाई और फल दान करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • 🔸 माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना साथ में करें, इससे परिवार में सुख और सुरक्षा बनी रहती है।

माँ बगलामुखी बनखंडी में

  • 🔸 स्कन्द षष्ठी हवन, अभिषेक और संध्या आरती कार्यक्रम पूर्व-बुकिंग पर उपलब्ध हैं।
  • 🔸 भक्तों के लिए प्रसाद और कार्तिकेय स्तोत्र पाठ का आयोजन किया जाएगा।
  • 🔸 माँ की कृपा से व्यक्ति को शत्रुजयी शक्ति, आत्मबल और आध्यात्मिक दृढ़ता की प्राप्ति होती है।